जून 2019 में ओमान की खाड़ी में ईरान के क्रांतिकारी गार्ड द्वारा अमेरिकी निगरानी ड्रोन को मार गिराए जाने के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया। अमेरिका ने दावा किया कि यह एक ’’ अटूट हमला ’’ था और ड्रोन अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में उड़ रहा था। 2 हफ्ते पहले ट्रम्प प्रशासन ने ओमान की खाड़ी में बमबारी करने वाले दो तेल टैंकरों पर हमलों के लिए ईरान को दोषी ठहराया था। ईरान ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया। जून की शुरुआत में ईरान ने घोषणा की कि वह 2015 के ईरान परमाणु समझौते के तहत अपनी यूरेनियम भंडार सीमा को तोड़ देगा। इस सौदे के तहत ईरान को 3.67% तक अधिकतम 660 पाउंड यूरेनियम रखने की अनुमति दी गई थी। विश्लेषकों का अनुमान है कि यदि यूरेनियम 20% तक समृद्ध हो जाए या ईरान अधिक परमाणु हथियार विकसित करने में सक्षम हो जाए।
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